काश
इंसान पंछी होता
तो उड़ता रहता
बेपरवाह
सरहदों की फिक्र
किए बिना ।
~यशवन्त माथुर©
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pyari kshnika.
ReplyDeleteshubhkamnayen
ख़याल सुन्दर है ...!!!
ReplyDeleteबहुत सही कहा..
ReplyDeleteसरहदों की फिक्र
ReplyDeleteकिए बिना । bahut sunder sarthak
सरहद की जरुरत
ReplyDeleteतब शायद
होती भी नहीं ......
शुभकामनायें !!
सुंदर क्षणिका
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