19 March 2013

क्षणिका

काश
इंसान पंछी होता
तो उड़ता रहता
बेपरवाह
सरहदों की फिक्र
किए बिना ।
~यशवन्त माथुर©

6 comments:

  1. ख़याल सुन्दर है ...!!!

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  2. बहुत सही कहा..

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  3. सरहदों की फिक्र
    किए बिना । bahut sunder sarthak

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  4. सरहद की जरुरत
    तब शायद
    होती भी नहीं ......
    शुभकामनायें !!

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