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20 April 2013
कहना हमारी शान है ,कुछ करना अपमान ...........
कहना हमारी शान है ,कुछ करना अपमान
हाथ पे हाथ धर बैठना और बघारना ज्ञान
और बघारना ज्ञान, दिखाना झूठ मूठ की शान
खुद को सुधरना है नहीं,करना कानून की मांग
अब तो कानून बन गया,फिर भी हुआ अपमान
मोम पिघलेगा फिर मगर,पत्थर दिल इंसान ?
~यशवन्त माथुर©
बहुत ही साधारण लिखने वाला एक बहुत ही साधारण इंसान जिसने 7 वर्ष की उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था। वाणिज्य में स्नातक। अच्छा संगीत सुनने का शौकीन। ब्लॉगिंग में वर्ष 2010 से सक्रिय। एक अग्रणी शैक्षिक प्रकाशन में बतौर हिन्दी प्रूफ रीडर 3 वर्ष का कार्य अनुभव।
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vibha rani Shrivastava
ReplyDeleteअब तो कानून बन गया,फिर भी हुआ अपमान
मोम पिघलेगा फिर मगर,पत्थर दिल इंसान ?
कानून बनाना और पालन करवाना अलग-अलग बात
है ना ?
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
साझा करने के लिए आभार...!
Maheshwari Kaneri
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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sandhya sharma
ReplyDeleteइस पत्थर दिल इंसान को ही पिघलना होगा, वर्ना कुछ नहीं बदलने वाला...
Shikha Gupta
ReplyDeleteसही बात है ...कोरी बातों के शेर हैं हम . जब कर्म की तलवार उठाने का समय आता है तो हाथों में मेंहदी लगा कर बैठ जाते हैं
तुषार राज रस्तोगी
ReplyDeleteबढ़िया
DrNisha Maharana
ReplyDeletebahut sundar......
Suresh Agarwal Adhir
ReplyDeletesahi kaha ... kanoon bana ne se kya hoga.. hume khud ko sudharna hoga
Pankaj Kumar Sah
ReplyDeleteसुंदर पंक्तियाँ ....