vibha rani Shrivastavaअब तो कानून बन गया,फिर भी हुआ अपमानमोम पिघलेगा फिर मगर,पत्थर दिल इंसान ?कानून बनाना और पालन करवाना अलग-अलग बात है ना ?
रूपचन्द्र शास्त्री मयंकबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!साझा करने के लिए आभार...!
Maheshwari Kaneriबहुत सुन्दर प्रस्तुति...! •
sandhya sharmaइस पत्थर दिल इंसान को ही पिघलना होगा, वर्ना कुछ नहीं बदलने वाला...
Shikha Guptaसही बात है ...कोरी बातों के शेर हैं हम . जब कर्म की तलवार उठाने का समय आता है तो हाथों में मेंहदी लगा कर बैठ जाते हैं
तुषार राज रस्तोगीबढ़िया
DrNisha Maharanabahut sundar......
Suresh Agarwal Adhirsahi kaha ... kanoon bana ne se kya hoga.. hume khud ko sudharna hoga
Pankaj Kumar Sahसुंदर पंक्तियाँ ....
vibha rani Shrivastava
ReplyDeleteअब तो कानून बन गया,फिर भी हुआ अपमान
मोम पिघलेगा फिर मगर,पत्थर दिल इंसान ?
कानून बनाना और पालन करवाना अलग-अलग बात
है ना ?
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
साझा करने के लिए आभार...!
Maheshwari Kaneri
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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sandhya sharma
ReplyDeleteइस पत्थर दिल इंसान को ही पिघलना होगा, वर्ना कुछ नहीं बदलने वाला...
Shikha Gupta
ReplyDeleteसही बात है ...कोरी बातों के शेर हैं हम . जब कर्म की तलवार उठाने का समय आता है तो हाथों में मेंहदी लगा कर बैठ जाते हैं
तुषार राज रस्तोगी
ReplyDeleteबढ़िया
DrNisha Maharana
ReplyDeletebahut sundar......
Suresh Agarwal Adhir
ReplyDeletesahi kaha ... kanoon bana ne se kya hoga.. hume khud ko sudharna hoga
Pankaj Kumar Sah
ReplyDeleteसुंदर पंक्तियाँ ....