इस गहराती काली रात में
झुरमुटों में छुपे चाँद तारे कहाँ हैं ?
कंक्रीट की जगमग बस्ती में
झींगुरों के गीत और सन्नाटे कहाँ हैं ?
ढूंढ रहा हूँ जुगनू अगर मिल जाएँ तो पूछूं
नाम भर के अँधेरों में उनके बसेरे कहाँ हैं ?
पूनम भी ढूंढती है मावस की तन्हाई
ठंडी हवा में झूमते फूल पत्ते कहाँ हैं ?
झुरमुट हुए अब बीते दौर की बातें
उजली हैं रातें और दिल काले यहाँ हैं।
~यशवन्त माथुर©
लखनऊ-28/05/2013
10:50 रात्रि
झुरमुट हुए अब बीते दौर की बातें
ReplyDeleteउजली हैं रातें और दिल काले यहाँ हैं।
satthak nd satik abhiwayakti ...
शानदार रचना | आभार
ReplyDeleteबहुत उम्दा,लाजबाब प्रस्तुति,,
ReplyDeleteRecent post: ओ प्यारी लली,
बहुत अच्छी रचना रात और रात के साथी खो गए कहीं
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति .आभार . छत्तीसगढ़ नक्सली हमला -एक तीर से कई निशाने
ReplyDeleteसाथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
झुरमुट हुए अब बीते दौर की बातें
ReplyDeleteउजली हैं रातें और दिल काले यहाँ हैं
सच है ....
कोई अपना दर्द उधेड़ता है
सब के हंसने का सबब बनता है ....
ढेरों शुभकामनाएं और अनेकों आशीर्वाद ....
कितना बदल गया संसार,वक्त के माथे पे शिकन
ReplyDeleteदेख रही हूँ
कितना बदल गया संसार ..पुराने साथी सभी खो गए
ReplyDeleteकितना बदल गया संसार ..पुराने साथी सभी खो गए
ReplyDeleteझुरमुट हुए अब बीते दौर की बातें
ReplyDeleteउजली हैं रातें और दिल काले यहाँ हैं।
इसी कालिमा में गुम है पता बता भी दूँ तो किस काम का
उम्दा रचना भावनात्मक प्रस्तुति
ReplyDeleteअब तो जुगनू देखे भी अरसा हो गया ...
ReplyDeleteपूनम भी ढूंढती है मावस की तन्हाई
ReplyDeleteठंडी हवा में झूमते फूल पत्ते कहाँ हैं ?
सब बदल चुका है
दुनिया बदल गयी है कंक्रीट के शहर मे पुराने दोस्त अब कहाँ मीलते मिलते अच्छी अभिव्यक्ति !!
ReplyDeleteदुनिया बदल गयी है कंक्रीट के शहर मे पुराने दोस्त अब कहाँ मीलते मिलते अच्छी अभिव्यक्ति !!
ReplyDeleteशानदार प्रस्तुति
ReplyDeleteअज की सच्चाई को बयान करती सुंदर पंक्तियाँ..
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