(चित्र:प्रियंका जी की फेसबुक वॉल से ) |
रंग दूँ
बे रंग फूलों को
जिनमें हो ताजगी
और हमेशा मुस्कुराहट हो
इनकी खुशबू में डूबी हुई
महकती फिज़ाओं में
बसंत भी ज़िद्द करे
बस यहीं ठहर जाने को
खुशियों के रंग से
रंग दूँ
बे रंग फूलों को
और अपनी दुनिया में
हंसती रहूँ
काँटों से पार पाने को ।
~यशवन्त माथुर©
Prritiy dabral
ReplyDeletebahut hi pyari rachna hai, sakaratmak, man bhayi
shubhkamnayen
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Saras Darbari
ReplyDeleteआज की ज़रुरत ...!!!
sangeeta swarup
ReplyDeleteखूबसूरत खयाल
Maheshwari Kaneri
ReplyDeleteकितना अच्छा होता सब तरफ रंग ही रंग हो कोई भी कहीं भी बेरंग न हो... सुन्दर प्रस्तुति..
DrNisha Maharana
ReplyDeletebahut sundar klpna aamin.....
कालीपद प्रसाद
ReplyDelete-बढ़िया प्रस्तुति
डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
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