भविष्य के पन्नों पर वर्तमान की कलम से
लिख रहा हूँ कुछ शब्द खुद ही के लिये
कोई समझे न समझे इन इबारतों की तासीर
जो मेरा मन कहे बस मेरे ही लिये
खारे पानी में,चाश्नी में डुबकी लगता हूँ रोज़ ही
सफ़ेद ही सब कुछ नहीं,बचा है कुछ स्याह के लिये
यह स्याही बदलती है हर पल रंग अपना
अपना यह इन्द्र धनुष बस अपनों ही के लिये
भविष्य के पन्नों पर वर्तमान की कलम से
खींच रहा हूँ लकीरें नयी तसवीरों के लिये।
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यूं तो हर पल खास होता है मगर बीता 1 साल काफी कुछ सिखाने वाला रहा
है। ब्लोगिंग के प्रचलित तरीकों के अतिरिक्त ब्लॉग के माध्यम से शेल्फ साहित्य (या सेल्फ साहित्य) के गोरख धंधे,टांग खिंचाई,उल्टा चोर कोतवाल को
डांटे जैसे मुहावरों को व्यावहारिक रूप मे समझने का मौका भी मिला। तीसरे
साल के अंतिम दिनों में यह भी पता चला कि कुछ लोग इस ब्लॉग और 'हलचल' को
लेकर भी अपने मन में कुंठा पाले हुए हैं। जो कहीं न कहीं बाहर निकल रही है।
खैर मैं इन सब बातों से परेशान और निराश होने वाला नहीं हूँ। बचपन से अब
तक जो भी लिखता आ रहा हूँ उस सबके पीछे मेरे पिता जी का प्रोत्साहन है और
किसी चीज़ की कोई ज़रूरत नहीं है।
ब्लॉग जगत में कुछ लोगों के चाहे-अनचाहे आज मेरे 3 साल पूरे हो ही गये। देखना यह है चौथे साल में और क्या क्या नया सीखने को मिलता है।
आप सभी के द्वारा अब तक प्राप्त स्नेह के लिये तहे दिल से शुक्रिया।
~यशवन्त माथुर©
ब्लॉग जगत में तीन वर्ष पूरा करने के लिए बहुत२ बधाई और शुभकामनाए,,,
ReplyDeleteRECENT POST : ऐसी गजल गाता नही,
ढ़ेर सारे शुभकामनाएं!!
ReplyDeleteयह स्याही बदलती है हर पल रंग अपना
ReplyDeletenothing is permanent
ReplyDeleteरात कितनी लम्बी हो .कितना ग्रह गहरा हो अँधेरा
हिम्मत का हाथ थामे रहिये,निश्चित हैं,आएगा सवेरा.
- शुबकामनाएं
latest post बादल तु जल्दी आना रे (भाग २)
अनुभूति : विविधा -2
हार्दिक बधाई यशवंत जी
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (03-06-2013) के :चर्चा मंच 1264 पर ,अपनी प्रतिक्रिया के लिए पधारें
सूचनार्थ |
यह संसार एक 'परीक्षालय'है उसमें उत्तीर्ण होने के लिए नित्य ही सीखना होगा।
ReplyDeleteब्लॉग जगत में तीन वर्ष पूरा करने के लिए बहुत बधाई और शुभकामनाए,,,यशवंत.
ReplyDeleteढेरों आशीर्वाद
तीन साल पूरे करने पर बधाई
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें आदरणीय ...
ReplyDeleteबहुत - बहुत बधाई और शुभकामनाएं ...... सस्नेह :)
ReplyDeleteभविष्य के पन्नों पर वर्तमान की कलम से
ReplyDeleteखींच रहा हूँ लकीरें नयी तसवीरों के लिये।
बहुत सुंदर। आमीन !