17 June 2013

कल रात आसमान में चाँद नहीं दिखा।

कल रात
आसमान में चाँद नहीं दिखा
मानसूनी बादलों को ओढ़े
जाने कहाँ छिपा रहा

मैं ताकता रहा राह
कि अगर दिख जाय तो
तारों की थाली में
परोस दूंगा कुछ बातें

न आया वो
न हो पायी मुलाक़ात
कड़कती रही बिजली
होती रही बरसात
 
वो किसी गम में है
या किसी और से मिलता रहा
कल रात आसमान में
चाँद नहीं दिखा।

~यशवन्त माथुर©

2 comments:

  1. वो किसी गम में है
    या किसी और से मिलता रहा
    ~~
    कल फादर्स डे था
    उसे खुद का भी गम रहा होगा
    बहुतों का मामा है
    तो अनाथ बच्चो के साथ भी होगा
    हार्दिक शुभकामनायें

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  2. वो किसी गम में है
    या किसी और से मिलता रहा kuchh kah nahi sakte jamana bda kharab hai .....

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