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15 August 2013
स्वतन्त्रता दिवस पर
सच बोलो तो जेल मिलेगी
झूठ बोलो तो आज़ादी
ईमानदारी की ऐसी तैसी
बेईमान काटते हैं चाँदी
कटोरा हाथ मे लिये फिरता बचपन
लोट लगाता सड़कों पर
जब भी देखता चमक दमक
तब रोता अपनी किस्मत पर
आती जाती हर नारी को
घूरती नज़रें खा जाने को
दुर्योधन सब बने घूमते
नहीं कृष्ण लाज बचाने को
फुटपाथों पर जिंदगी मिलती
कूड़े के ढेर पर आज़ादी
जन गण मन की इसी धुन पर
कहीं विलासिता कहीं बर्बादी
फिर भी आज है जश्न
अरे देखो नयी गुलामी का
जो पाया सब खो दिया
मोल न समझा कुर्बानी का।
~यशवन्त माथुर©
बहुत ही साधारण लिखने वाला एक बहुत ही साधारण इंसान जिसने 7 वर्ष की उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था। वाणिज्य में स्नातक। अच्छा संगीत सुनने का शौकीन। ब्लॉगिंग में वर्ष 2010 से सक्रिय। एक अग्रणी शैक्षिक प्रकाशन में बतौर हिन्दी प्रूफ रीडर 3 वर्ष का कार्य अनुभव।
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नवीन शुभप्रभात बेटे
ReplyDeleteस्वतन्त्रता दिवस की
हार्दिक शुभकामनायें
सही कहा मोल न समझा कुर्बानी का..... स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें .....
ReplyDeleteअत्यन्त हर्ष के साथ सूचित कर रही हूँ कि
ReplyDeleteआपकी इस बेहतरीन रचना की चर्चा शुक्रवार 16-08-2013 के .....बेईमान काटते हैं चाँदी:चर्चा मंच 1338 .... पर भी होगी!
सादर...!
हुआ तो यही है .... जो दुखद है ...
ReplyDeleteबहुत बढिया..स्वतन्त्रता दिवस की
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें
खुबसूरत अभिवयक्ति...... आपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ....
ReplyDeleteबहुत बढिया....स्वतन्त्रता दिवस की
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें !!
फुटपाथों पर जिंदगी मिलती
ReplyDeleteकूड़े के ढेर पर आज़ादी ..
सच तो यही है ... देश के हालात इतने सालों बाद भी ऐसे हैं ...
स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनायें ...
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteसार्थक रचना
ReplyDeleteस्वतन्त्रता दिवस की
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें
आज की बुलेटिन स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई ....ब्लॉग बुलेटिन में आपकी पोस्ट (रचना) को भी शामिल किया गया। सादर .... आभार।।
ReplyDeleteसार्थक रचना...
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ...
:-)
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ
ReplyDeleteये कैसी आजादी ...? हिंदुस्तान का चरित्र चित्रण लाजवाब बन पड़ा है।
ReplyDeleteफुटपाथों पर जिंदगी मिलती
ReplyDeleteकूड़े के ढेर पर आज़ादी
जन गण मन की इसी धुन पर
कहीं विलासिता कहीं बर्बादी
यथार्थ को बयान करती स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामना
फिर भी आज है जश्न
ReplyDeleteअरे देखो नयी गुलामी का
जो पाया सब खो दिया
मोल न समझा कुर्बानी का।
बिलकुल सही …. सटीक