अर्थ के अर्थों में, उलझा हुआ है आदमी
निरर्थ होकर अर्थ पर, सोया हुआ है आदमी
जाने किन स्वप्नों में, व्यर्थ खोया हुआ है आदमी
अनर्थ कर रहा अर्थ,अर्थ पर लोटता हुआ आदमी।
[अर्थ->मतलब ,धन और धरती (earth) के संदर्भ में]
~यशवन्त माथुर©
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04 August 2013
अर्थ के अर्थों में..........
~यशवन्त माथुर©
बहुत ही साधारण लिखने वाला एक बहुत ही साधारण इंसान जिसने 7 वर्ष की उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था। वाणिज्य में स्नातक। अच्छा संगीत सुनने का शौकीन। ब्लॉगिंग में वर्ष 2010 से सक्रिय। एक अग्रणी शैक्षिक प्रकाशन में बतौर हिन्दी प्रूफ रीडर 3 वर्ष का कार्य अनुभव।
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सच ही अर्थ के अर्थो में उलझा हुआ है आदमी....
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ......
अर्थ के अर्थ या अर्थ का चाव ... पर आदमी अनर्थ जरूर कर रहा है ... लाजवाब भाव ...
ReplyDeleteआदरणीय अर्थ , धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिये अर्थ ही प्रथम सीढ़ी है
ReplyDeletebehtreen...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ......
ReplyDeleteNice play of words!
ReplyDeleteJawabon me sawal ko kholta hua aadami,
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