कठिन शब्दों की इमला से
आँखों से बहने लगते थे आँसू
तब कोई था
जो हौसला बढ़ाता था
लिखना सिखाता था
जब लिख कर दिखाता था
किसी पन्ने पर
कल्पना से बातें करती
कोई कविता
तब कोई था
जो सहेजना सिखाता था
जब पढ़ता था
फर्राटेदार संस्कृत
क्लास रूम रीडिंग के समय
तब कोई था
जो सबसे तालियाँ बजवाता था
जब ज़रूरत थी
कॉमर्स की
महंगी किताबों की
तब कोई था
जो निश्चिंत रहने को कहता था
जब दिक्कत आती थी
अङ्ग्रेज़ी बोलने में
नौकरी की जगह पर
तब कोई था
जो झिझक मिटाता था
वो कोई था
वो अब भी है
मेरे दिल के भीतर
बीते दिनों की यादों के साथ
इस सफर में
न कभी भूला हूँ
न कभी भूलूँगा
अपने शिक्षकों को।
शिक्षक दिवस पर सादर समर्पित --
चतुर्वेदी मैडम (श्री एम एम शैरी स्कूल कमला नगर आगरा-वर्ष 1988-2000)
श्रीवास्तव मैडम (श्री एम एम शैरी स्कूल कमला नगर आगरा-वर्ष 1988-2000)
जौहरी मैडम (श्री एम एम शैरी स्कूल कमला नगर आगरा-वर्ष 1988-2000)
सीमा राणा मैडम (श्री राधा बल्लभ इंटर कॉलेज दयाल बाग आगरा-वर्ष 2000-2002)
डॉ रंजन पोरवाल सर (वाणिज्य संकाय-राजा बलवंत सिंह महाविद्यालय आगरा-वर्ष 2002-2005)
एवं सुब्रतो दत्ता सर को (जिन्होंने मेरी नौकरी के दौरान समय समय पर प्रेरित किया-वर्ष 2006)
~यशवन्त यश©
आपके सभी शिक्षक को नमन
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति के लिए बधाई
हार्दिक शुभकामनायें
अत्यन्त हर्ष के साथ सूचित कर रही हूँ कि
ReplyDeleteआपकी इस बेहतरीन रचना की चर्चा शुक्रवार 06-09-2013 के .....सुबह सुबह तुम जागती हो: चर्चा मंच 1361 ....शुक्रवारीय अंक.... पर भी होगी!
सादर...!
बहुत सुंदर ...आपके गुरुओं को मेरा प्रणाम
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. सभी शिक्षकों को नमन ..
ReplyDeleteशिक्षक दिवस की शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - शुक्रवार -6/09/2013 को
ReplyDeleteधर्म गुरुओं का अधर्म की ओर कदम ..... - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः13 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra
सच्चे और अच्छे गुरु ...बहुत कम मिलते हैं...और जो मिलते हैं ...उम्र भर की सौगातें दे जाते हैं
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - शुक्रवार -6/09/2013 को
ReplyDeleteधर्म गुरुओं का अधर्म की ओर कदम ..... - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः13 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra
बहुत सुंदर. गुरु ही सच्चे दीपक होते हैं.
ReplyDeleteबहुत बारीक़ अनुभव को आपने लिख दिया है. शिक्षक हमारे भीतर रह कर ऐसे ही कार्य करता रहता है.
ReplyDeleteसभी गुरुओं को शुभकामनायें !
ReplyDeleteवाह ! आपकी कविता पढ़कर तो मन भीग गया..शिक्षक दिवस पर ढेरों शुभकामनायें तथा आपके शिक्षकों को भी नमन !
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव शिक्षक दिवस की बधाई !!
ReplyDeleteखुबसूरत अभिवयक्ति......
ReplyDeleteशिक्षक दिवस की शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति ,सभी गुरुजनों को शत शत अभिनन्दन
ReplyDeleteWaah, bahut sundar Yashwant ji:-)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.
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