वक़्त के कत्लखाने में
सांसें गिनती जिंदगी
कितने ही एहसासों को
खुद के भीतर दबाए
हर पल
मांगती रहती है मन्नतें
इस दुनिया के पार जाने की
लेकिन
तैयार नहीं
देने को
इम्तिहान
तो विकल्प क्या ...?
हाँ विकल्प है
सिर्फ एक ही विकल्प
कि वक़्त के कत्लखाने में
सांसें गिनती जिंदगी
वक़्त से पहले ही
कूदकर नीचे
हो जाए मुक्त
इन तमाम झंझटों से।
~यशवन्त यश©
सांसें गिनती जिंदगी
कितने ही एहसासों को
खुद के भीतर दबाए
हर पल
मांगती रहती है मन्नतें
इस दुनिया के पार जाने की
लेकिन
तैयार नहीं
देने को
इम्तिहान
तो विकल्प क्या ...?
हाँ विकल्प है
सिर्फ एक ही विकल्प
कि वक़्त के कत्लखाने में
सांसें गिनती जिंदगी
वक़्त से पहले ही
उम्मीदों की
सबसे ऊपरी मंज़िल से कूदकर नीचे
हो जाए मुक्त
इन तमाम झंझटों से।
~यशवन्त यश©