वक़्त बहुत तेज़ी से चलता है इसकी यह रफ्तार हमारे जीवन के बाद भी थमती नहीं है। वक़्त की इसी तेज रफ्तार का एक नमूना है आज का दिन। जी हाँ आज 2 जून का दिन ....ब्लॉग जगत और सोशल मीडिया पर आप सबों के बीच चौथे वर्ष के पूरा होने के साथ 5 वें वर्ष मे मेरे प्रवेश का गवाह है।
इन 4 वर्षों मे कई नये मित्र बने भी तो कुछ मित्रों का साथ छूटा भी। कई बार दिमाग मे आया कि अब ब्लोगिंग को अलविदा कह दूँ लेकिन न न कर के भी अपनी नीरस और बोझिल लेखनी को साथ लिये अब तक यहाँ मौजूद हूँ।
इधर कई मित्रों ने अब तक यहाँ प्रकाशित हो चुकी प्रविष्टियों को किताबनुमा संकलन मे प्रकाशित करने की सलाह दी है/ देते भी रहते हैं,कुछ मित्र इंडीब्लॉगर आदि पर चल रही विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने और अपनी प्रविष्टि भेजने की सलाह भी देते रहे हैं। तो जहां तक सवाल अपना संकलन प्रकाशित कराने या उसका हिस्सा बनने का है मैं एक बार एक संकलन का सम्पादन (जिसके मात्र आवरण पर मेरा नाम था अन्यत्र नहीं) और बिना पैसा खर्च किये एक अन्य संकलन का हिस्सा भी बन चुका हूँ लेकिन मैंने यही देखा कि ऐसे संकलनों से किसी का कुछ भला नहीं होने वाला। मैं जो कुछ भी लिखता हूँ यह सिर्फ कुछ शब्द मात्र हैं इसलिये यह न 'कविता' है...न कहानी न किसी अन्य रूप में गद्य या पद्य ही है।
यह सिर्फ मन की कुछ बातें हैं जिन्हें बचपन से किसी कागज़ पर लिख कर कहीं रख दिया करता था अब ब्लॉग पर सहेज दिया करता हूँ। इसलिए मुझे नहीं लगता कि मुझे बिना मतलब फिजूल खर्ची करके अपना कोई संकलन प्रकाशित करना चाहिये या किसी संकलन का हिस्सा बनना चाहिये।
रही बात इंडी ब्लॉगर आदि की प्रतियोगिताओं का हिस्सा बनने की तो वहाँ अङ्ग्रेज़ी का बोल बाला है जिस पर अपनी महारत नहीं है। बीच मे फेसबुक के कुछ ग्रुप्स की प्रतियोगिताओं का हिस्सा बनने का मौका मिला पर अब फिलहाल इसी ब्लॉग पर जब जो मर्जी लिखता कहता रहता हूँ।
यह पोस्ट लिखे जाने तक
306 फॉलोअर्स के साथ इस ब्लॉग को लगभग 1 लाख 10 हजार से ज्यादा हिट्स मिल चुके हैं।
आगे भी सफर जारी है.....आप सभी के स्नेह के साथ।
~यशवन्त यश
(यशवन्त राज बली माथुर)