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12 July 2014

एक पल ऐसा भी आना है

जानता हूँ
यूं चलते चलते
एक पल
ऐसा भी आना है
समय के साथ दौड़ में
पिछड़ना है
रुक जाना है ....
'आज' से शुरू हुआ सफर
'आज' पर ही रुक कर
भविष्य की
मिट्टी में मिल कर
भूत बन जाना है ....
समझना होगा अब तो
दर्द गुमनाम तस्वीरों का
गर्द रोज़ धुले पुछे
कुछ ऐसा कर जाना है ...
आज नहीं तो कल
एक पल
ऐसा भी आना है ....।

~यशवन्त यश ©

12 comments:

  1. you have expressed very right view about life .

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  2. वाह
    बहुत सुन्दर बात ..कितना कुछ कह दिया इन साधारण से शब्दों में..
    बहुत बढ़िया.

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  3. फेसबुक पर प्राप्त टिप्पणी-

    Anju Sharma सुंदर कविता यशवंत, आज नहीं तो कल एक पल ऐसा भी आना है

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  4. फेसबुक पर प्राप्त टिप्पणी-

    Reena Satin गर्द रोज़ धुले-पुँछे
    कुछ ऐसा कर जाना है...
    वाह.. बहुत ख़ूब..

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  5. बहुत अच्छा सोचा है ..... शुभकामनाएं !

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  6. बहुत सुंदर आशा...शुभकामनायें !

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  7. गूढ़ बात की सहज अभिव्यक्ति, अति सुन्दर...........

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  8. बहुत सुंदर

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  9. आने वाले पल के लिए अभी क्यों सोचें ...
    जीवन आज है आज तो जी लें ...

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