जानता हूँ
यूं चलते चलते
एक पल
ऐसा भी आना है
समय के साथ दौड़ में
पिछड़ना है
रुक जाना है ....
'आज' से शुरू हुआ सफर
'आज' पर ही रुक कर
भविष्य की
मिट्टी में मिल कर
भूत बन जाना है ....
समझना होगा अब तो
दर्द गुमनाम तस्वीरों का
गर्द रोज़ धुले पुछे
कुछ ऐसा कर जाना है ...
आज नहीं तो कल
एक पल
ऐसा भी आना है ....।
~यशवन्त यश ©
यूं चलते चलते
एक पल
ऐसा भी आना है
समय के साथ दौड़ में
पिछड़ना है
रुक जाना है ....
'आज' से शुरू हुआ सफर
'आज' पर ही रुक कर
भविष्य की
मिट्टी में मिल कर
भूत बन जाना है ....
समझना होगा अब तो
दर्द गुमनाम तस्वीरों का
गर्द रोज़ धुले पुछे
कुछ ऐसा कर जाना है ...
आज नहीं तो कल
एक पल
ऐसा भी आना है ....।
~यशवन्त यश ©
you have expressed very right view about life .
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteबहुत सुन्दर बात ..कितना कुछ कह दिया इन साधारण से शब्दों में..
बहुत बढ़िया.
reality of life
ReplyDeleteफेसबुक पर प्राप्त टिप्पणी-
ReplyDeleteAnju Sharma सुंदर कविता यशवंत, आज नहीं तो कल एक पल ऐसा भी आना है
फेसबुक पर प्राप्त टिप्पणी-
ReplyDeleteReena Satin गर्द रोज़ धुले-पुँछे
कुछ ऐसा कर जाना है...
वाह.. बहुत ख़ूब..
सच तो यही है.....
ReplyDeleteबहुत अच्छा सोचा है ..... शुभकामनाएं !
ReplyDeleteबहुत सुंदर आशा...शुभकामनायें !
ReplyDeleteगूढ़ बात की सहज अभिव्यक्ति, अति सुन्दर...........
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteआने वाले पल के लिए अभी क्यों सोचें ...
ReplyDeleteजीवन आज है आज तो जी लें ...
Ekdum steeek...
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