23 August 2014

कुछ लोग -6

पूर्वाग्रहों से
घिरे हुए
कुछ लोग
सब कुछ
जान समझ कर
बने रहते हैं
अनजान
करते रहते हैं
बखान
अपनी
सोच की
चारदीवारी के
भीतर की
उसी किताबी
मानसिकता की
जो निकलने नहीं देती
देखने नहीं देती
बाहर की दुनिया में
हो रहे
बदलावों की तस्वीर....

ऐसे लोग
अपने 'वाद' में
उलझे रह कर
व्यर्थ के विवादों का
सहारा ले कर
ढहा देते हैं
तर्क की
नींव पर
बन रही
एक
खूबसूरत
इमारत को ....
बिना जाने
बिना समझे
बिखरा देते हैं
एक एक ईंट
पूर्वाग्रहों से
घिरे हुए
कुछ लोग
अक्सर कर बैठते हैं
भूल
समय की
नीचे झुकी हुई
शिखा को
शिखर समझने की ।

~यशवन्त यश©

कुछ लोग श्रंखला की अन्य पोस्ट्स यहाँ क्लिक करके देखी जा सकती हैं। 

10 comments:

  1. बहुत सुंदर

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  2. बहुत ही बढ़िया यश ..कुछ लोग की ये श्रृंखला बहुत अच्छी लगी

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  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति.
    इस पोस्ट की चर्चा, रविवार, दिनांक :- 24/08/2014 को "कुज यादां मेरियां सी" :चर्चा मंच :चर्चा अंक:1715 पर.

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  4. यही विडंबना है - पूर्वाग्रह क्या-क्या गज़ब नहीं करवा देते !

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  5. सही कहा है..

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  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति.

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

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  8. हृदय.स्पर्शी प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा।

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  9. वाह...बहुत सुन्दर और सटीक प्रस्तुति....

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