ज़रूरी नहीं
कि लिखा हो
सब कुछ
अपने मतलब का
किसी किताब के
हर पन्ने पर
कुछ बातें
होती हैं
अर्थ हीन
तर्क हीन
हमारी नज़र में
लिये होती हैं
मंज़र
बंजर ज़मीन सा
जिसके चारों ओर
फैला रहता है
घना सुनसान ....
लेकिन
उसी किताब की
पथरीली
बंजर
ज़मीन पर
कुछ और नज़रें
खिलते देखती हैं
उल्लास के
अनेकों फूल
जिनकी
उम्मीदों भरी
मुस्कुराहट
उस सुनसान मे भी
कराती है एहसास
किसी अपने के
यहीं कहीं
करीब होने का ....
मन की परतों के
अनगिनत
पन्नों वाली
वह किताब
खुद मे
भविष्य के
अनेकों चेहरे लिये
वर्तमान के दर्पण मे
हर पल
दिखा कर
अपनी छाया
झकझोरा करती है
नज़रों के
बे कसूर
भरम को।
~यशवन्त यश©
कि लिखा हो
सब कुछ
अपने मतलब का
किसी किताब के
हर पन्ने पर
कुछ बातें
होती हैं
अर्थ हीन
तर्क हीन
हमारी नज़र में
लिये होती हैं
मंज़र
बंजर ज़मीन सा
जिसके चारों ओर
फैला रहता है
घना सुनसान ....
लेकिन
उसी किताब की
पथरीली
बंजर
ज़मीन पर
कुछ और नज़रें
खिलते देखती हैं
उल्लास के
अनेकों फूल
जिनकी
उम्मीदों भरी
मुस्कुराहट
उस सुनसान मे भी
कराती है एहसास
किसी अपने के
यहीं कहीं
करीब होने का ....
मन की परतों के
अनगिनत
पन्नों वाली
वह किताब
खुद मे
भविष्य के
अनेकों चेहरे लिये
वर्तमान के दर्पण मे
हर पल
दिखा कर
अपनी छाया
झकझोरा करती है
नज़रों के
बे कसूर
भरम को।
~यशवन्त यश©
बहुत शानदार लेखनी :)
ReplyDeleteये भी समझना जरूरी हैं
लिखे होंगें इसने
अपने निजी जज्बात भी
अकेले में बैठ कर
बहुत शानदार लेखनी :)
ReplyDeleteये भी समझना जरूरी हैं
लिखे होंगें इसने
अपने निजी जज्बात भी
अकेले में बैठ कर
आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (08.08.2014) को "बेटी है अनमोल " (चर्चा अंक-1699)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना। बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
ReplyDeleteबढ़िया रचना।
ReplyDeleteबहुत गहरे अहसास...
ReplyDeleteसुन्दर रचना...
ReplyDeleteबहुत सही बात .....
ReplyDeleteGood poem
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना ।
ReplyDeleteAdbhut rachna dhanyawaad
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिखा है यश ...रक्षाबंधन की शुभकामनायें
ReplyDeleteउम्दा रचना और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ
उम्दा और बेहतरीन ...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ
Kuchh kahe kuchh ankahe se bhaav shabd !
ReplyDelete