कभी कदमों को
यूं ही थाम कर
कभी भविष्य को
थोड़ा भाँप कर
मुड़ कर पीछे
राह नाप कर
चलना है
यूं ही चलना है....
मन की अपनी
सब से कह कर
सब की कुछ
अनकही को सुन कर
जीवन चक्र की
धुरी पर चल कर
बढ़ना है
यूं ही बढ़ना है ......
वक़्त कम
इन चौराहों पर
खुले आसमां की
निगाहों पर
खुद के अक्स को
गले लगा कर
मिलना है
कभी बिछड़ना है .....
चलना है
यूं ही चलना है.... ।
~यशवन्त यश©
owo30112014
यूं ही थाम कर
कभी भविष्य को
थोड़ा भाँप कर
मुड़ कर पीछे
राह नाप कर
चलना है
यूं ही चलना है....
मन की अपनी
सब से कह कर
सब की कुछ
अनकही को सुन कर
जीवन चक्र की
धुरी पर चल कर
बढ़ना है
यूं ही बढ़ना है ......
वक़्त कम
इन चौराहों पर
खुले आसमां की
निगाहों पर
खुद के अक्स को
गले लगा कर
मिलना है
कभी बिछड़ना है .....
चलना है
यूं ही चलना है.... ।
~यशवन्त यश©
owo30112014
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव...चलना है और चलते ही जाना है..गति ही जीवन है
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