रातों के बीतने के साथ
सूरज के निकलने के साथ
एक तारीख गुजरती है
एक तारीख सँवरती है
ज़िंदगी यूं ही चलती है ।
कैलेंडर के पन्ने बदलते हैं
राहों के सुर बदलते हैं
कोई कहानी बनती है
कोई कहानी बिगड़ती है
जिंदगी यूं ही चलती है।
धारा के बहने के साथ
बाधाओं पर तैरने के साथ
मंज़िल जब आ मिलती है
खुशी अशकों में मिलती है
जिंदगी यूं ही चलती है।
~यशवन्त यश©
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