04 January 2015

कहानी

आते जाते
हर सड़क 
हर चौराहे पर
दिख जाती है
एक चलती फिरती
कहानी.....

कहानी
जो भागती है
तेज रफ्तार
वाहनों के साथ 
जो चलती है
हमकदम
हमराहों के साथ
जो लंगड़ाती है
किसी की छड़ी के साथ .....

कहानी
जो अंधी
बहरी और गूंगी है
जो फुटपाथों और
ठेलों पर
अधनंगी सोती है .....

कहानी
जो किसी कटोरे में गिर कर
खनकती है 
भूख प्यास से तड़पती है
जो कभी
अपनी ज़िद पर
अड़ती है
बिलखती और
रोती है .....

कहानी
जिसे सामने देख कर
रोंगटे खड़े हो जाते हैं
दिल दहल जाते हैं
जिसकी कब्र पर अक्सर
फूल चढ़ाये जाते हैं
और उसके किस्से
सुर्खियों में छापे जाते हैं......

कहानी
जिसकी अनकही
अनदेखी
तहों के भीतर
कुछ लोग 
जा भी नहीं पाते चाहकर
दिख जाती है 
हर चौराहे पर
किसी की
घूरती नज़रों से
बचती हुई सी
इंसानी पुतलों मे कहीं
सिमटती हुई सी।
 
~यशवन्त यश©

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