प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

06 March 2015

क्योंकि रंग इंसान नहीं होते

हर ओर
उड़ते
बिखरते
बहकते
चहकते
महकते
गीले
और
सूखे रंग
रंगभेद
जात धर्म  
अमीर और
गरीब से परे
सबके चेहरों पर
सजे हुए हैं 
एक भाव से 
विविधता में
एकता का
भाव लिए 
क्योंकि रंग
इन्सानों की तरह
भेदभाव नहीं करते।

~यशवन्त यश©


होली की हार्दिक शुभ कामनाएँ ! 

No comments:

Post a Comment

+Get Now!