बहुत सस्ते होते हैं
कुछ लोग
जो बिताया करते हैं
अंधेरी रातें
फुटपाथों पर
और दिन में
झुलसा करते हैं
घिसटा करते हैं
डामर वाली
चमकदार सड़कों पर
चमका करते हैं
चाँद के चेहरे पर
कील मुहांसों की तरह।
ये सस्ते लोग
खुदा,गॉड और
भगवान नहीं
सिर्फ एक
ऊपर वाले के
हाथों से ढल कर
परीक्षक बन कर
धरती पर
आते हैं
और फिर
वापस चले जाते हैं
साहब लोगों की
चमचमाती कारों के
काले टायरों की
पैमाइश ले कर।
ये सस्ते लोग
आवारा कटखने
श्वानों का तकिया
सिरहाने रख कर
हर रोज़
चैन की नींद सोते हैं
क्योंकि
इन्हें कोई डर नहीं होता
चेहरे से
नकाब के हटने का।
~यशवन्त यश©
कुछ लोग
जो बिताया करते हैं
अंधेरी रातें
फुटपाथों पर
और दिन में
झुलसा करते हैं
घिसटा करते हैं
डामर वाली
चमकदार सड़कों पर
चमका करते हैं
चाँद के चेहरे पर
कील मुहांसों की तरह।
ये सस्ते लोग
खुदा,गॉड और
भगवान नहीं
सिर्फ एक
ऊपर वाले के
हाथों से ढल कर
परीक्षक बन कर
धरती पर
आते हैं
और फिर
वापस चले जाते हैं
साहब लोगों की
चमचमाती कारों के
काले टायरों की
पैमाइश ले कर।
ये सस्ते लोग
आवारा कटखने
श्वानों का तकिया
सिरहाने रख कर
हर रोज़
चैन की नींद सोते हैं
क्योंकि
इन्हें कोई डर नहीं होता
चेहरे से
नकाब के हटने का।
~यशवन्त यश©
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