अंत
निश्चित है
हर चीज़ का
चाहे
इंसान हो
या तारीख
अंत
ले चलता है
नये आरंभ की ओर
नयी राह की ओर
कुछ साँसों को
एहसासों को
खुद में समेटकर
अंत
बांटता चलता है
कहीं गम
कहीं खुशी
और कहीं
तटस्थता के
कुछ पल।
~यशवन्त यश©
निश्चित है
हर चीज़ का
चाहे
इंसान हो
या तारीख
अंत
ले चलता है
नये आरंभ की ओर
नयी राह की ओर
कुछ साँसों को
एहसासों को
खुद में समेटकर
अंत
बांटता चलता है
कहीं गम
कहीं खुशी
और कहीं
तटस्थता के
कुछ पल।
~यशवन्त यश©
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