सब ढूंढते हैं हम प्याला
सब ढूंढते हैं हम निवाला
कहने को तो सब अपने हैं
कहीं नहीं कोई सुनने वाला
फिर भी कहेगा कहने वाला.......
कहीं कोई किस्मत का मारा
कहीं कोई किस्मत का प्यारा
चलती साँसों के फेरों मे
जीत हार कर जीने वाला
फिर भी कहेगा कहने वाला......
कहने पर कोई रोक नहीं है
कहने पर कोई टोक नहीं है
ठोक-पीट कर घिसट-फिसट कर
कोई काँटों पर चलने वाला
फिर भी कहेगा कहने वाला......
~यशवन्त यश©
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