02 July 2015

अंधे-बहरों की दुनिया में ......

अंधे-बहरों की दुनिया में
क्या कहें
किस्से कहें
आँख और कान
बंद कर के
सब सोए हुए हैं
कहीं खोए हुए हैं
जाने किस
सपनीली दुनिया में
अपने अहं की
पैनी धार पर
ख़ुदकुशी के कूँए में
कूदे हुए हैं
अंधे-बहरों की दुनिया में
प्रगति के हर रास्ते
खुदे हुए हैं।

~यशवन्त यश©

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