जब भी देखता हूँ
कहीं दीवार पर
टंगी तस्वीरों को
उनके इतिहास को
पढ़ कर
समझने की
कोशिश करता हुआ
बस यही सोचता हूँ
कि क्या
एक दिन
मैं भी
टांग दिया जाऊंगा
गर्द भरी
किसी दीवार पर
या रह जाऊंगा
'अज्ञात'
अपने आज की तरह।
~यशवन्त यश©
कहीं दीवार पर
टंगी तस्वीरों को
उनके इतिहास को
पढ़ कर
समझने की
कोशिश करता हुआ
बस यही सोचता हूँ
कि क्या
एक दिन
मैं भी
टांग दिया जाऊंगा
गर्द भरी
किसी दीवार पर
या रह जाऊंगा
'अज्ञात'
अपने आज की तरह।
~यशवन्त यश©
No comments:
Post a Comment