मेरे भीतर
ये सांसें
जो चल रही हैं
अभी तक
निर्बाध
अपनी गति से
आखिर थमेंगी ही
एक न एक दिन
अपना समय आने पर
रुकेंगी ही
बिना कुछ कहे
यूं ही मौन
कई अधूरी
इच्छाओं को
साथ लिए
कहीं उड़ चलेंगी
किसी नये आशियाने में
फिर किसी और
वक्त के कत्लखाने में
गुनहगार बनने
अनकही
अनजानी
अनसुनी
बातों का।
~यशवन्त यश©
ये सांसें
जो चल रही हैं
अभी तक
निर्बाध
अपनी गति से
आखिर थमेंगी ही
एक न एक दिन
अपना समय आने पर
रुकेंगी ही
बिना कुछ कहे
यूं ही मौन
कई अधूरी
इच्छाओं को
साथ लिए
कहीं उड़ चलेंगी
किसी नये आशियाने में
फिर किसी और
वक्त के कत्लखाने में
गुनहगार बनने
अनकही
अनजानी
अनसुनी
बातों का।
~यशवन्त यश©
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