अपने कुतर्कों को
तर्क कहने वाले
कुछ लोग
चाहते नहीं
निकलना
अपने आस-पास की
अंधेरी गलियों से
क्योंकि उन्हें भाता नहीं
कोई सच बताने वाला
रोशनी दिखाने वाला .....
और क्योंकि
वह संतुष्ट हैं
अपनी सीमित दुनिया में
असीमित
मुखौटों के भीतर।
~यशवन्त यश©
तर्क कहने वाले
कुछ लोग
चाहते नहीं
निकलना
अपने आस-पास की
अंधेरी गलियों से
क्योंकि उन्हें भाता नहीं
कोई सच बताने वाला
रोशनी दिखाने वाला .....
और क्योंकि
वह संतुष्ट हैं
अपनी सीमित दुनिया में
असीमित
मुखौटों के भीतर।
~यशवन्त यश©
सही कहा
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