15 November 2015

आतंक बस आतंक होता है

आतंक 
बस आतंक होता है 
जो शर्मिंदा कर देता है 
नर्क की आग को भी 
अपने क्रूर 
वीभत्स रूप से। 
आतंक 
बस आतंक होता है 
जो किसी किताब में 
पढ़ाया नहीं जाता 
बताया नहीं जाता 
सिर्फ महसूस किया जाता है 
मासूम और 
अनाथ आँखों से बहते 
दर्द के झरने में । 

~यशवन्त यश ©

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