बदलती तारीखें
पल पल नये रंगों में
रंगती तारीखें
अपने भीतर
कुछ समेट लेती हैं
कुछ निकाल देती हैं
मन से
कभी बेमन से
थक कर कहीं
रुकती नहीं
बरस दर बरस
कहीं दबती, छुपतीं
आगे बढ़ती तारीखें
इंसानी मन की तरह
रंग बदलती तारीखें।
~यशवन्त यश©
पल पल नये रंगों में
रंगती तारीखें
अपने भीतर
कुछ समेट लेती हैं
कुछ निकाल देती हैं
मन से
कभी बेमन से
थक कर कहीं
रुकती नहीं
बरस दर बरस
कहीं दबती, छुपतीं
आगे बढ़ती तारीखें
इंसानी मन की तरह
रंग बदलती तारीखें।
~यशवन्त यश©
सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteशुभकामनाएँ
तारीखें तो वही निकालती हैं और वही बताती है जो मन कहे...
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