28 November 2015

माना कि साथ चलते हैं......

माना कि साथ चलते हैं कुछ लोग हम राह बन कर
पर अपने ठौर तक अकेले ही जाना होता है
माना कि रोशनी नज़र आती है बस यहीं पर
पाने को उसको मीलों चले ही जाना होता है
खुद से शुरू होता है खुद ही खत्म होता है सफर
न चाह कर भी खुद को सिफर बन ही जाना होता है।

~यशवन्त यश©

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