कभी कभी
मन कहता कुछ
करता कुछ है
सोचता कुछ
लिखता कुछ है
कुछ कुछ करता हुआ
मन के साथ
समय बीत जाता है
और इस बीच क्या होता है
समझ नहीं आता है।
~यशवन्त यश©
मन कहता कुछ
करता कुछ है
सोचता कुछ
लिखता कुछ है
कुछ कुछ करता हुआ
मन के साथ
समय बीत जाता है
और इस बीच क्या होता है
समझ नहीं आता है।
~यशवन्त यश©
तब तो एक मन न हुआ चार हो गये...फिर जिसे समझ में आये वह पांचवा भी लाना पड़ेगा..
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