दीयों की तरह
होते रहें रोशन
मन के जज़्बात
लौ की स्याही से
अंधेरे पन्नों पर
छोड़ते रहें
अपने निशान
कल, आज और कल
औरों से बेखबर
रह रह कर
बस अपनी दुनिया में
डूब कर उतर कर
नये आगाज के
इंतज़ार में
बाती की तरह
भूलते रहें,खुद को
खुशियाँ देते रहें,
सबको।
~यशवन्त यश©
होते रहें रोशन
मन के जज़्बात
अंधेरे पन्नों पर
छोड़ते रहें
अपने निशान
कल, आज और कल
औरों से बेखबर
रह रह कर
बस अपनी दुनिया में
डूब कर उतर कर
नये आगाज के
इंतज़ार में
बाती की तरह
भूलते रहें,खुद को
खुशियाँ देते रहें,
सबको।
~यशवन्त यश©
बेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये।
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