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11 November 2015

खुशियाँ देते रहें सबको

दीयों की तरह
होते रहें रोशन
मन के जज़्बात
लौ की स्याही से
अंधेरे पन्नों पर
छोड़ते रहें
अपने निशान
कल, आज और कल
औरों से बेखबर
रह रह कर
बस अपनी दुनिया में
डूब कर उतर कर
नये आगाज के
इंतज़ार में
बाती की तरह
भूलते रहें,खुद को
खुशियाँ देते रहें,
सबको।

~यशवन्त यश©

2 comments:

  1. बेहतरीन प्रस्तुति

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  2. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये।

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