घमंड में चूर
कुछ लोग
जब निकलता देखते हैं
जनाजा
अपनी हसरतों
और दिल में
दबे अरमानों का.....
एहसास
तब भी नहीं कर पाते
कि यह क्या हुआ
और क्यों हुआ
खुली और बंद आँखों से
बस देखते रह जाते हैं
टूटना
अपने तिलिस्मों का......
उधार का जादू लिए
हाथों में उपहार लिए
ऊँघते-अलसाए हुए से
अपनों से बे कदर-
बे सबर
कुछ लोग
यूं ही देखते हैं
दम तोड़ना लौओं का
और बुझना दीयों का।
~यशवन्त यश©
कुछ लोग
जब निकलता देखते हैं
जनाजा
अपनी हसरतों
और दिल में
दबे अरमानों का.....
एहसास
तब भी नहीं कर पाते
कि यह क्या हुआ
और क्यों हुआ
खुली और बंद आँखों से
बस देखते रह जाते हैं
टूटना
अपने तिलिस्मों का......
उधार का जादू लिए
हाथों में उपहार लिए
ऊँघते-अलसाए हुए से
अपनों से बे कदर-
बे सबर
कुछ लोग
यूं ही देखते हैं
दम तोड़ना लौओं का
और बुझना दीयों का।
~यशवन्त यश©
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