तारीखें बदलती हैं
दिन बदलते हैं
सोच बदलती हैं
चेहरे बदलते हैं
लेकिन अंदर से
हम वही
वहीं के वहीं रहते हैं ।
एक दौर बीतता है
नया दौर आता है
सपनों और उम्मीदों के
नये ठौर सजाता है
अब देखना है
सामने पसरी हुई
नयी राहों पर
कदम चलते हैं
या कि थमते हैं
सुना है कि दिन
गिरगिट की तरह
अपने रंग बदलते हैं।
~यशवन्त यश©
दिन बदलते हैं
सोच बदलती हैं
चेहरे बदलते हैं
लेकिन अंदर से
हम वही
वहीं के वहीं रहते हैं ।
एक दौर बीतता है
नया दौर आता है
सपनों और उम्मीदों के
नये ठौर सजाता है
अब देखना है
सामने पसरी हुई
नयी राहों पर
कदम चलते हैं
या कि थमते हैं
सुना है कि दिन
गिरगिट की तरह
अपने रंग बदलते हैं।
~यशवन्त यश©
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