

यह जो लिखा है पूरी तरह से बेतुका है लेकिन अपना नाम देख कर Motivation तो मिला ही। इस सबका पूरा श्रेय पापा को ही जाता है क्योंकि मुझे न कभी रोका न टोका जबकि कुछ लोगों ने कई तरह से demotivate करने की भी कोशिश की।
खैर तब से अब तक मैं अपने मन का लिखता और कई पत्रिकाओं व समाचार पत्रों में समय-समय पर छपता आ रहा हूँ।
मेरे इस ब्लॉग http://jomeramankahe.blogspot.com पर अब तक का लिखा बहुत-कुछ संग्रहित है।
-यश-