यही पूजा है कि जो आसिफा तुम्हारे साथ हुआ ?
यही पूजा है कि जो निर्भया तुम्हारे साथ हुआ ?
यही पूजा है कि जो भजन यहाँ पर गाए जाएँ ?
यही पूजा है कि जो सारे सपने बिखराए जाएँ ?
यही पूजा है तो देवता करें अब वास कहाँ पर ?
यही पूजा है तो नवरात्रों के हों उपवास कहाँ पर ?
यही पूजा है तो 'आदि शक्ति' किसे कहोगे ?
यही पूजा है तो 'माँ' की भक्ति किसे कहोगे ?
यही पूजा है तो 'धर्म' पर प्रश्न चिह्न क्यों लगाते हो ?
यही पूजा है तो जय-जयकारे क्यों लगाते हो ?
यही पूजा है कि समझ लो पूजा मन से जाता है
यही पूजा है कि कोई धर्म बैर नहीं सिखाता है ।
यही पूजा है कि हर नारी को अधिकार और मान दो
उसकी देह और उसके मन को उसका उचित सम्मान दो।
-यश ©
12/04/2018
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