वक़्त के साथ एक दिन
गुमनाम तो होना ही है
दर्ज़ हो कर कुछ पन्नों में
कभी तो खोना ही है।
सुर बन कर कभी तो
साज़ों में ढलना ही है
किसी की कल्पना को
कोई शब्द तो देना ही है।
ये और बात है कि रंग
हर पल तो बदलना ही है
सारे मुखौटों को चेहरे से
कभी तो उतरना ही है।
बहती हुई धारा के साथ
कदमताल तो करना ही है
घड़ी की हर सुई को
रुके बिना बस चलना ही है।
-यश ©
20/10/2018
गुमनाम तो होना ही है
दर्ज़ हो कर कुछ पन्नों में
कभी तो खोना ही है।
सुर बन कर कभी तो
साज़ों में ढलना ही है
किसी की कल्पना को
कोई शब्द तो देना ही है।
ये और बात है कि रंग
हर पल तो बदलना ही है
सारे मुखौटों को चेहरे से
कभी तो उतरना ही है।
बहती हुई धारा के साथ
कदमताल तो करना ही है
घड़ी की हर सुई को
रुके बिना बस चलना ही है।
-यश ©
20/10/2018
बहुत सुन्दर।
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