जीवन की
इस अविरल समय यात्रा में
अपने अनेकों रूप लिए
अनगिनत चौराहे
निभाते हैं
हमारा साथ
उस हमसफर की तरह
जो
कभी-कभी
साथ न हो कर भी
साथ रहता है
मन का
हर भेद जान लेता है।
ये चौराहे
अपनी चारों दिशाओं में
कहीं फूल
कहीं काँटे
और कहीं
दिखाते हैं
पथरीले -रपटीले रास्ते
जिनसे गुज़र कर
तय होता है
मंज़िल का मिलना
या उससे दूर रहना ।
हर
आने -जाने वाले के साथ
ये चौराहे
बिना हीनता का एहसास कराए
अपने सार्वभौमिक
अस्तित्व के साथ
बस इस बाट में रहते हैं
कि इन हो कर
जो जा रहा है
कल
फिर लौट कर आएगा
अपनी एक
नयी परछाई के साथ।
~यश ©
14/10/2018
इस अविरल समय यात्रा में
अपने अनेकों रूप लिए
अनगिनत चौराहे
निभाते हैं
हमारा साथ
उस हमसफर की तरह
जो
कभी-कभी
साथ न हो कर भी
साथ रहता है
मन का
हर भेद जान लेता है।
ये चौराहे
अपनी चारों दिशाओं में
कहीं फूल
कहीं काँटे
और कहीं
दिखाते हैं
पथरीले -रपटीले रास्ते
जिनसे गुज़र कर
तय होता है
मंज़िल का मिलना
या उससे दूर रहना ।
हर
आने -जाने वाले के साथ
ये चौराहे
बिना हीनता का एहसास कराए
अपने सार्वभौमिक
अस्तित्व के साथ
बस इस बाट में रहते हैं
कि इन हो कर
जो जा रहा है
कल
फिर लौट कर आएगा
अपनी एक
नयी परछाई के साथ।
~यश ©
14/10/2018
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