दिन भर
खिले-खिले
मुस्कुराने वाले फूल
शाम को जब मुरझाते हैं
जीवन का सत्य कह जाते हैं।
सत्य जिसका
अस्तित्व कायम है
चौरासी करोड़ योनियों में
भूत,वर्तमान और भविष्य की
निरन्तर गतिशील समय यात्रा में।
दिन भर
इंसानी हाथों में
दबे- छुपे तड़पते फूल
शाम को जब मुक्ति पाते हैं
सिर्फ अपने अवशेष छोड़ जाते हैं।
-यश ©
22/10/2018
बढ़िया।
ReplyDeleteसत्य वचन
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