चलते चलो इन राहों पर
मत कदमों की ताल सुनो
पंख पसार कर अब ऊंची
एक नयी परवाज़ चुनो।
मेरी आवाज सुनो!
यह समय काया पलटने का है
इसमें मुखौटों का काम नहीं
यह समय कुछ कर गुजरने का है
इसमें रुकने का नाम नहीं ।
निडर हो कर नव जागरण का
नित नया एक गान सुनो
युवा धरा की युवा शक्ति तुम!
खुद में स्वाभिमान बुनो।
मेरी आवाज़ सुनो!
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-यश ©
01/दिसंबर/2018
01/दिसंबर/2018
बहुत प्रेरक अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteसुन्दर
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