खिलें कलियाँ खुशियों की जो
बन कर फूल न कभी मुरझाएँ।
नए वर्ष के हर एक दिन में
सभी चलें कभी न रुक पाएँ।
जीवन एक संघर्ष है माना
कम हो जाएँ पथ के काँटे।
एक थे, हम यूं रहें एक ही
खुद को भी न खुद से बाँटें।
जलें बातियाँ दीयों की जो
रंग जीवन के सदा दिखाएँ।
नए वर्ष के हर एक दिन में
मुस्कुराहटें ही मिलती जाएँ।
.
-यशवन्त माथुर ©
01/01/2019
बन कर फूल न कभी मुरझाएँ।
नए वर्ष के हर एक दिन में
सभी चलें कभी न रुक पाएँ।
जीवन एक संघर्ष है माना
कम हो जाएँ पथ के काँटे।
एक थे, हम यूं रहें एक ही
खुद को भी न खुद से बाँटें।
जलें बातियाँ दीयों की जो
रंग जीवन के सदा दिखाएँ।
नए वर्ष के हर एक दिन में
मुस्कुराहटें ही मिलती जाएँ।
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-यशवन्त माथुर ©
01/01/2019
मंगलकामनाएं आपके लिये सपरिवार खुश रहें।
ReplyDeleteप्रशंसनीय प्रस्तुति...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteनव वर्ष पर सुंदर रचना
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