फिर से लौट आए वो बचपन
फिर से वो टोली बन जाए
गिला या शिकवा हो न मन में
ऐसे ये होली मन जाए।
भाईचारे का अबीर गुलाल
सबको सतरंगी कर दे
फागुन की मद-मस्ती सबको
ढेरों खुशियों से भर दे ।
फिर से लौट आए वो मंजर
फिर से मीठी बोली बन जाए
सदभाव ही केवल रहे इस मन में
ऐसे ये होली मन जाए।
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होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
-यश ©
फिर से वो टोली बन जाए
गिला या शिकवा हो न मन में
ऐसे ये होली मन जाए।
भाईचारे का अबीर गुलाल
सबको सतरंगी कर दे
फागुन की मद-मस्ती सबको
ढेरों खुशियों से भर दे ।
फिर से लौट आए वो मंजर
फिर से मीठी बोली बन जाए
सदभाव ही केवल रहे इस मन में
ऐसे ये होली मन जाए।
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होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
-यश ©