जीवन है अनमोल सभी का,
कोई नहीं खोना चाहिए
धरती है यह हम सब की,
यहाँ युद्ध नहीं होना चाहिए।
आतंकी पनाहगाहों का,
गर अस्तित्व मिटाना है तो,
कूट नीति के प्रखर अस्त्र से,
प्रहार प्रबल होना चाहिए ।
जननी तो जननी होती है,
कोई भी कैसी भी हो वो,
उसके हृदय में कभी न
कंपन- क्रंदन होना चाहिए।
क्या होगा उस मंज़र से
जहाँ छिन्न भिन्न सभी पड़े हों
त्राहित्राहि का कोलाहल
यहाँ कभी नहीं होना चाहिए।
शस्त्र नहीं समाधान कोई,
नहीं हताहत होना चाहिए,
अमन- चैन हो सदा यहाँ
युद्ध नहीं होना चाहिए।
-यश ©
28/02/2019
सटीक और सामयिक प्रस्तुति
ReplyDeleteसुंदर भाव
ReplyDeleteसुन्दर
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