भले ही दिखते दीन-हीन
कृशकाय शरीर और तेज विहीन
किसी युवा से कम नहीं हैं
हम वृद्ध नहीं हैं।
घर में तन्हा बैठे-लेटे
युग का समृद्ध इतिवृत्त समेटे
जोश तनिक भी कम नहीं है
हम वृद्ध नहीं हैं।
हम बीज भविष्य का वर्तमान में
अस्ताचल से दिन मान में
नई सुबह पर शाम नहीं हैं
हम वृद्ध नहीं हैं।
समय की गर्मी से तपकर
कितने ही मीलों को चल कर
पुष्प नहीं तो कंटक भी नहीं हैं
हम वृद्ध नहीं हैं।
-यशवन्त माथुर©
22/12/2019
कृशकाय शरीर और तेज विहीन
किसी युवा से कम नहीं हैं
हम वृद्ध नहीं हैं।
घर में तन्हा बैठे-लेटे
युग का समृद्ध इतिवृत्त समेटे
जोश तनिक भी कम नहीं है
हम वृद्ध नहीं हैं।
हम बीज भविष्य का वर्तमान में
अस्ताचल से दिन मान में
नई सुबह पर शाम नहीं हैं
हम वृद्ध नहीं हैं।
समय की गर्मी से तपकर
कितने ही मीलों को चल कर
पुष्प नहीं तो कंटक भी नहीं हैं
हम वृद्ध नहीं हैं।
-यशवन्त माथुर©
22/12/2019
बहुत सुन्दर
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