न हिन्दू होता है
न मुसलमान होता है
सैनिक तो सिर्फ
एक इंसान होता है।
इंसान , जिसकी रगों में
स्वाभिमान बसता है
गोलियां खाता है
फिर भी वो हंसता है।
उसका करम ही
उसकी पहचान होता है
शक्ल कोई भी हो
नाम हिंदुस्तान होता है।
सीना तान, सीमा पर
उसकी चहलकदमियों से
पिघल जाती है बर्फ भी
बूटों की गर्मियों से।
सारे जहां से अच्छा
एक वीर जवान होता है
सैनिक तो सिर्फ
एक इंसान होता है।
-यशवन्त माथुर ©
न मुसलमान होता है
सैनिक तो सिर्फ
एक इंसान होता है।
इंसान , जिसकी रगों में
स्वाभिमान बसता है
गोलियां खाता है
फिर भी वो हंसता है।
उसका करम ही
उसकी पहचान होता है
शक्ल कोई भी हो
नाम हिंदुस्तान होता है।
सीना तान, सीमा पर
उसकी चहलकदमियों से
पिघल जाती है बर्फ भी
बूटों की गर्मियों से।
सारे जहां से अच्छा
एक वीर जवान होता है
सैनिक तो सिर्फ
एक इंसान होता है।
-यशवन्त माथुर ©
सच्ची बात
ReplyDeleteजय हिंदी, जय हिंद.
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