कहीं हो खुशी
या कहीं हो गम
सिर्फ तमाशाई हैं हम ।
हमने खड़े किये हैं
मुसीबतों के शहर
जहां पल-पल तोड़ता है
ये समय अपना दम।
सिर्फ तमाशाई हैं हम।
-यशवन्त माथुर ©
03/04/2020
या कहीं हो गम
सिर्फ तमाशाई हैं हम ।
हमने खड़े किये हैं
मुसीबतों के शहर
जहां पल-पल तोड़ता है
ये समय अपना दम।
सिर्फ तमाशाई हैं हम।
-यशवन्त माथुर ©
03/04/2020
लाजवाब !! बहुत खूब आदरणीय ।
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