कुछ तो
लोग तो कहेंगे ही
जो उनको करना होगा
करेंगे ही
यह तो अपने ऊपर है
कि कैसे समझना है उनको
उनकी बातों को
बिना उनके आगे
नतमस्तक हुए
सुनते चलना है
अपने दिल की आवाज
और बहते रहना है
अपने विचारों की धारा के संग
भले ही
वह विपरीत हो
समकालीन दौर के
लेकिन
विध्वंस के हजारों दौरों के बाद भी
डिगना नहीं
बस अड़े रहना है
खड़े रहना है
इसी तरह
इसी राह पर।
-यशवन्त माथुर ©
06/04/2020
लोग तो कहेंगे ही
जो उनको करना होगा
करेंगे ही
यह तो अपने ऊपर है
कि कैसे समझना है उनको
उनकी बातों को
बिना उनके आगे
नतमस्तक हुए
सुनते चलना है
अपने दिल की आवाज
और बहते रहना है
अपने विचारों की धारा के संग
भले ही
वह विपरीत हो
समकालीन दौर के
लेकिन
विध्वंस के हजारों दौरों के बाद भी
डिगना नहीं
बस अड़े रहना है
खड़े रहना है
इसी तरह
इसी राह पर।
-यशवन्त माथुर ©
06/04/2020
बहुत बढ़िया
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