14 June 2020

असलियतें

रोज सामने आती हैं
असलियतें उनकी,
नकाब ओढ़ कर 
जो अच्छे बने फिरते हैं;
मालूम है उनके मन में 
क्या है फिर भी
रोज हम उनके चेहरे 
पढ़ा करते हैं।

-यशवन्त माथुर ©
14062020

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