01 June 2020

खुद ही चलना है ....

हम चलें न चलें
हम बदलें न बदलें
समय को ऐसे ही चलना है
समय को ऐसे ही बदलना है ....
कभी कभी लगता है
सब एक रस है
जो हो रहा है
वो नीरस है
बस
एक अंत:प्रेरणा ही
गति दे सकती है
उबार सकती है
इस बोझिलता से
जिसे खुद ही बदलना है
जिसे  खुद ही चलना है।

-यशवन्त माथुर ©
01/06/2020

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